राहु - केतु - सर्प दोष निवारण पूजा करने का मशहूर मंदिर श्री कालहस्थि मंदिर दक्षिण भारत में राहु - केतु - सर्प दोष को निवारण करने के लिए यात्री यहाँ आते हैं |
यहाँ की 5 महत्वपूर्ण विशेषताएं जानिए |
1. कैसे पहुंचे ?
दक्षिण भारत में राहु - केतु - सर्प दोष निवारण पूजा करने का मशहूर मंदिर श्री कालहस्थि मंदिर यहाँ पहुँचने के लिए रेल मार्ग और बस मार्ग उपलब्द हैं| लेकिन बस मार्ग में अपनी समय के अनुसार कई सर्विसेज़ अवैलबल हैं|
- तिरुपति शहर से श्री कालहस्थि पहुँचने के लिए बस मार्ग से लगभग 40 किलोमीटर दूरी होगी, इस यात्रा टिकट का दाम मात्र 60 भारतीय रुपये हैं|
2. बस उतारने के बाद मंदिर तक कैसे पहुंचे ?
बस उतारने के बाद यहाँ मंदिर तक पैदल पहुँच सकते हैं मुख्य मंदिर के सिर्फ 500 मीटर के दूरी पर सरकारी बस रुकती हैं| इस 500 मीटर के रास्ते में कई होटल है जरूरत के अनुसार यहाँ कमरे का दाम 24 घंटे के लिए 200 रूपेये से 2000 रुपये तक किराया देनी होगी|
3. मंदिर में प्रवेश करने से पहले क्या करें ?
मुख्य मंदिर में प्रवेश करने से पहले अच्छे से स्नान करलेना चाहिए और मंदिर के बाहर गणेश भगवान के पास एक - दो दिया जलाकर बाद मुख्य मंदिर में प्रवेश करना चाहिए |
भगवान के दर्शन हेतु सर्वदर्शन = मुक्त में दर्शन की सुविधा उपलब्ध है
- मुफ़्त में भगवान का दर्शन
- विशेष शीघ्र दर्शन 50 रुपये का टिकट
- अति शीघ्र दर्शन 200 रुपये का टिकट उपलब्द होगी |
4. टिकट में क्या अंतर है ?
राहु - केतु - सर्प दोष निवारण पूजा करने के लिए आप को 500 , 750, 1500, 2500 और 5000 रुपये के टिकट उपलब्ध होंगे | उदाहरण के लिए आप 750/- वाला टिकट खरीदने से दो लोग पूजा में बैठ सकते हैं ( पती और पत्नी ), आप की शादी नहीं हुई तो आप अकेले ही पूजा करना पड़ेगा| पूजा की सर्व सामग्री आपको टिकट के साथ मुक्त में दिए जाएंगे |
- 500 वाला टिकट में लगभग ज्यादा भक्त रहेंगे और एक घंटे तक पूजा चल सकता है |
- 750 वाले टिकट में थोड़ी सी भीड़ कम होगी और आप को पूजा समझ में आएगा |
- 1500 वाले टिकट में आप पर प्रत्येक श्रधधा के साथ पूजा करवाया जाएगा |
- 2500 और 5000 वाले टिकट वालों को मंदिर के अंदर मूर्ति से दूर एक मंडप पर पूजा करवाया जाएगा |
5. पूजा करने का विधान और पूजा सामाग्री क्या - क्या होगी ?
- नारियल , दो नींबू
- दो कपड़े ( कला और लाल )
- धान्य
- दो चांदी के सर्प की प्रतिमाएं
- थोड़े फूल
- पान सुपारी
- कुमकुम और हल्दी
इन सांत चीजों से क्या करें ? आप कृपया पंडित जी के निर्देशों का पालन कीजिए | पहले निर्देशानुसार नारियल को फोड़ कर दो टुकड़ों को पूजा के लिए मंडप में लेजाईए |, मंडप में बैठने के बाद दो कपड़ों को अलग - अलग कीजिए , काले कपड़े को राइट साइड रखिए , फिर लाल कपड़े पर लाल धान्य , काले कपड़े पर काल धान्य डालिए| धान पर सर्प की प्रतिमा रखिए [ प्रतिमा आप की तरफ देखनी चाहिए] , फिर कुमकुम और हल्दी मिलाकर उन प्रतिमाओं पर थोड़ा थोड़ा अर्चन करें , फिर प्रतिमा के सामने नींबू रखिए, फिर नींबू के सामने नारियल के टुकड़े रखिए | फिर अपने हाथ में फूल लेकर प्रार्थना करें | फूलों के साथ अर्चना करते हुए प्रार्थना कीजिए और कुमकुम + हल्दी मिलाकर अपनी हाथों से थोड़ा थोड़ा प्रतिमाओं पर डालते हुए कुमकुम हल्दी अर्चना कीजिए | फिर 101 रुपये पंडित जी को दान कर सकते हैं|
सावधान : क्रमानुसार पंडित जी के निर्देशों का पालन कीजिए : पंडित जी तेलुगु , तमिल, कन्नड, हिन्दी , अंग्रेजी भाषाएं जानते हैं| अपने हाथ प्रतिमाओं पर झटकना नहीं चाहिए | अपने हाथों को लगा हुआ कुमकुम को पोंछने के लिए एक रुमाल लेकर जाईएगा |
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